The Definitive Guide to sidh kunjika



पां पीं पूं पार्वती पूर्णा खां खीं खूं खेचरी तथा ।

अं कं चं टं तं पं यं शं वीं दुं ऐं वीं हं क्षं

श्री लक्ष्मी अष्टोत्तर शतनाम स्तोत्रम्

जाग्रतं हि महादेवि जपं सिद्धं कुरुष्व मे।

शृणु देवि प्रवक्ष्यामि कुंजिकास्तोत्रमुत्तमम्।

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति प्रथमोऽध्यायः

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येन मन्त्रप्रभावेण चण्डीजापः शुभो भवेत् ॥ १ ॥

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति दशमोऽध्यायः

धिजाग्रं धिजाग्रं त्रोटय त्रोटय दीप्तं कुरु कुरु स्वाहा॥

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति द्वादशोऽध्यायः

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देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति तृतीयोऽध्यायः

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